कभी तो तुमसे रूठेंगे
ऐ प्यारे। ऐ मेरे ज़ालिम। ओरे मेरे डार्लिंग। एगो बात कहें ? तुम ना , एगो चाकू लेके मेरे आर-पार कर दो। ई साल भर मीठा-मीठा आंच पर पकने से अच्छा है एक ही दिन में मामला खतम हो जाये। तुम्ही बताओ , तनी बेसी नहीं कर रहे हो तुम ? बताओ , कोई लिमिट ना होना चाहिए जी ? इंत जा र का ? हम बता दे रहे हैं। अब तुम इसको धमकी समझो या गुंडई। अब हमसे और नहीं सहा जाता। तुम हर बार जाते हो तो लगता है जैसे जीवन ही रूठ गया हो हमसे। चाह के भी तुमको रोक नहीं सकते। जाने कै से आदमी हो तुम कि तुमसे लड़ने में , या तुमको बुरा-भला सुनाने में , अपने-आप को ही खराब लगता है। सच्ची बताओ , टोना-ऊना सीखे हो क्या कहीं से ? हमको पुराने जमाने की कहानी के राजा जैसा फील होता है। जिसका प्राण दूर किसी पिंज रा में बंद सुग्गा में कैद रहता था। काहे रे मोर सुगवा , लाजो नईखे लागत हमरा ई हाल कर के ? हमको बहुत दिन से सच्चे लग रहा था कि हम स राफत कि मूरत बनते जा रहे हैं। तुम कहते हो ठहरो , तो चुप-चाप ठहर जाते हैं। तुम कहते हो चलो , तो तुम्हारी दुल्हनिया लेखा पीछे-पीछे चल देते हैं। तुम कहते हो बात करो , तो खुस...