शिवी
मस्त पवन सी चाल चले वो चुटिया पीछे झूली जाए जाने कैसे वो हंसी खेल में छू कर देती गम के साये काम करे ऑफिस में जब वो मोदी का भी सर झुक जाए रसोई, कपडे, घर, इस्त्री में रोज़ नए इतिहास बनाये बात रही जहां आवभगत की लोगों को पलकों पर बिठाये खाली पेट आप चल दिए तो पोटली बाँध कर घर पहुंचाए Friend, philosopher, guide कभी , कभी बकैती की पुल बनाये dance करे मवाली वाली Mimicry से सबका दिल लूट जाए ओ परी , घुंघराले बालों वाली नानी दादी सी गुणों में समाये चुलबुली, चटपटी, प्यारी, कोमल तुमसे दिल-घर रौशन हो जाए अब तुम बिन हमसे रहा न जाए … अब तुम बिन हमसे रहा न जाए…