शोभा ने जाना
14 साल की शोभा एक संवेदनशील युवती है. अपने उम्र की अन्य किशोरियों की तरह वो जितना स्कूल से सीखती है, उतना ही परिस्थितियों से. उम्र की ढलान कहिये, पुरुष-स्त्री के रिश्ते में आजकल शोभा विशेष रूचि लेती है. दो दिन की छुट्टी में दिल्ली आई है - एक शादी में शामिल होने. विस्तृत परिवार के सदस्यों के भेंट के पुनः बाद शोभा का परिचय नयी भाभी से होता है. शोभा इनकी शादी में शरीक नहीं हो पाई थी, इसलिए पहली बार मिल रही है. भाभी ने शोभा को बड़ी आत्मीयता से गले लगाया और बताया कि उनकी छोटी बहन भी उसी की आयु की है. शोभा ने जाना की लड़की शादी के बाद अपना तन लेकर ससुराल तो आ जाती है, पर उसका मन निरंतर अपने स्वजनों के लिए कचोटता रहता है. …………………. शादी से एक रात पहले की कॉकटेल पार्टी है और ड्रेस कोड वेस्टर्न वियर तय किया गया है. लम्बे काले गाउन, चमकीले स्कर्ट, टिमटिमाते स्कार्फ़ में औरतें फब रही हैं. यहाँ तक की मेरठ वाली चची ने भी कुरता-पैंट पहना है. बस एक भाभी है जो इस अवसर पर भी पीली कांजीवरम की सड़ी पहने डोल रही है. जब शोभा ने पूछा तो भाभी ने हंसकर टाल दिया. मस्ती और डांस का माहौल है. सभी ठुमक रहे हैं