इंतज़ार

तेरे इंतज़ार ने...
दौड़ते लम्हों को
थमना सिखा दिया
बढ़ती ख्वाहिशों को
कमना सिखा दिया
घनी तन्हाई को
बोलना सिखा दिया
हिम्मत और दम को
डोलना सिखा दिया
दर्द की गहराइयों को
हँसना सिखा दिया
ख़ुशी की बौछार को भी
डसना सिखा दिया
सपनों को भी आंसूं
पीना सिखा दिया
कुछ भी कहो
जीना सिखा दिया.

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Seven years since I set SAIL

My Blank Space

Love is magic