तुम्हारा ऐसा होना
तुम्हारा चेहरा नीचे करके एकाग्र ध्यान से सामने वाले को देखना
तुम्हारा बातों को वैसे सुनना जैसे छोटे बच्चे का माँ को
तुम्हारा खड़े होकर अंगड़ाई लेना
तुम्हारा औरों का आभास इतना बारीक होना
तुम्हारा माथे पर बल न आने देना
तुम्हारा आवाज़ को कर्कश न होने देना
तुम्हारा हमेशा न तैयार होकर भी तैयार रहना
तुम्हारा हमेशा सब कुछ जानना और कुछ न तौलना
तुम्हारा चलते फिरते किसी भी शीशे में बाल सेट करना
तुम्हारा गंभीर मतभेदों को भी हँसते-खेलते झेल जाना
संगीत सुनते ही तुम्हारे सिर का सुर में हलके-हलके नाचना
तुम्हारी बातों का कानों पर वैसे बीतना जैसे बारिश की बूंदों का होठों पर
तुम्हारा अक्सर हंसना और हंसी बिखेरना
तुम ही कहो, तुम्हारा ऐसा होना
अगर खुदाई का गवाह नहीं,
तो और क्या है?
तुम्हारा बातों को वैसे सुनना जैसे छोटे बच्चे का माँ को
तुम्हारा खड़े होकर अंगड़ाई लेना
तुम्हारा औरों का आभास इतना बारीक होना
तुम्हारा माथे पर बल न आने देना
तुम्हारा आवाज़ को कर्कश न होने देना
तुम्हारा हमेशा न तैयार होकर भी तैयार रहना
तुम्हारा हमेशा सब कुछ जानना और कुछ न तौलना
तुम्हारा चलते फिरते किसी भी शीशे में बाल सेट करना
तुम्हारा गंभीर मतभेदों को भी हँसते-खेलते झेल जाना
संगीत सुनते ही तुम्हारे सिर का सुर में हलके-हलके नाचना
तुम्हारी बातों का कानों पर वैसे बीतना जैसे बारिश की बूंदों का होठों पर
तुम्हारा अक्सर हंसना और हंसी बिखेरना
तुम ही कहो, तुम्हारा ऐसा होना
अगर खुदाई का गवाह नहीं,
तो और क्या है?
Each and every word is doing its justice to the poem... very beautiful.
ReplyDeleteमैं सोशल मीडिया से गायब हो गया हूँ उसकी सजा ये है कि लोग ऐसी चीजें लिख जाएँ और मैं महरूम रह जाऊँ....
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