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तेरी मीरा बनी फिरती हूँ

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कुछ ऐसे छूया है तेरे प्यार ने कि संभाले न संभालती हूँ गली-गली, शहर-शहर तेरी मीरा बनी फिरती हूँ तलाश नहीं किसी जश्न की बारिश कि ताल पर थिरकती हूँ हर मौसम में हर मिजाज़ में तेरी मीरा बनी फिरती हूँ न पूछ मेरी दीवानगी का सबब तू वो खुदा है जिसपर मरती हूँ सोते-जागते, उठते-बैठते तेरी मीरा बनी फिरती हूँ तो क्या गर पायी न तुझे तेरी याद में रोज़ संवरती हूँ हँसती -खेलती, नाचती-गाती तेरी मीरा बनी फिरती हूँ तेरा साथ न मिल पाया तो क्या तेरे हिज्र से गुज़र करती हूं तेरे ख्यालों की चादर पहनकर तेरी मीरा बनी फिरती हूं फर्क मिट गए हैं मुझमें और तुझमें ज़माने से अब न डरती हूं गुजारिशों-तलब को पीछे छोड़ तेरी मीरा बनी फिरती हूं एक शुभचिंतक द्वारा सुझाया हुआ: जीवन सागर की गहराइयों के भंवर में नित घिरती हूँ प्रीत सीपों की तलाश में तेरी मीरा बनी फिरिती हूँ...

my composure

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The reason why i stay happy the reason i don't complain i'm hopeless beyond despair i'm silenced beyond pain