Posts

Showing posts with the label Bhojpuri

मुन्नी बदनाम

Image
होइजा खड़े-खड़े टुकुर-टुकुर का ताक रहे हो ? दम है तो आ के पकड़ लो हमरी कलाई। कस के लगा लो करेजवा से। काहे अतना सरीफ ब ने फिरते हो ? हद हो गयी भईया! ईंहा हम इसारा पर इसारा किए जा रहे हैं और तुम हो की लाजा के मुंह गाड़े जा रहे हो। समझ में नहीं आता हमको – तुम्हारा पूजा करें कि तुमको गरियावें। आही रे करमवा... प्यारो हुआ त एगो संत से। सच बता रहे हैं। समाज-उमाज का भाय और लोक-लाज का फिकिर नहीं होता त हम पड़े-पड़े राह नहीं देख रहे होते। धर के उगलवा लेते। बताओ , करते हो कि नहीं हमसे प्यार ? ई जो दस गो आलतू-फालतू बहाना लेकर हमरे भाई के पास आते रहते हो , इसका ईहे मतलब है न कि हमसे बियाह करना चाहते हो ? आ ऊ जो हर दिन तुम्हारे घर से निकलने अ ल उटने का टाइम डॉट हमरे टाइम से मिलता है , माने कि तुम हमपर नजर गड़ाए रहते हो ? अरू दीवाली के दिन , जब सब लोग हमारा रंगोली निहार रहा था अ तुम मुंह बा के हमको एक-टक ताक रहे थे , इसीलिए ना कि हम तुमको बहुत अच्छे लगते हैं ? और ऊ दिन भूल गए... जब हम तुमसे दो बार जान-बूझकर टकराए थे और तुम्हारा सिट्टी-पिट्टी उड़ गया था , बताओ , तु म्हरे बदन में भी बिजल...

कभी तो तुमसे रूठेंगे

ऐ प्यारे। ऐ मेरे ज़ालिम। ओरे मेरे डार्लिंग। एगो बात कहें ? तुम ना , एगो चाकू लेके मेरे आर-पार कर दो। ई साल भर मीठा-मीठा आंच पर पकने से अच्छा है एक ही दिन में मामला खतम हो जाये। तुम्ही बताओ , तनी बेसी नहीं कर रहे हो तुम ? बताओ , कोई लिमिट ना होना चाहिए जी ? इंत जा र का ? हम बता दे रहे हैं। अब तुम इसको धमकी समझो या गुंडई। अब हमसे और नहीं सहा जाता। तुम हर बार जाते हो तो लगता है जैसे जीवन ही रूठ गया हो हमसे। चाह के भी तुमको रोक नहीं सकते। जाने कै से आदमी हो तुम कि तुमसे लड़ने में , या तुमको बुरा-भला सुनाने में , अपने-आप को ही खराब लगता है। सच्ची बताओ , टोना-ऊना सीखे हो क्या कहीं से ? हमको पुराने जमाने की कहानी के राजा जैसा फील होता है। जिसका प्राण दूर किसी पिंज रा में बंद सुग्गा में कैद रहता था। काहे रे मोर सुगवा , लाजो नईखे लागत हमरा ई हाल कर के ? हमको बहुत दिन से सच्चे लग रहा था कि हम स राफत कि मूरत बनते जा रहे हैं। तुम कहते हो ठहरो , तो चुप-चाप ठहर जाते हैं। तुम कहते हो चलो , तो तुम्हारी दुल्हनिया लेखा पीछे-पीछे चल देते हैं। तुम कहते हो बात करो , तो खुस...