कभी तो तुमसे रूठेंगे

ऐ प्यारे। ऐ मेरे ज़ालिम। ओरे मेरे डार्लिंग।

एगो बात कहें? तुम ना, एगो चाकू लेके मेरे आर-पार कर दो। ई साल भर मीठा-मीठा आंच पर पकने से अच्छा है एक ही दिन में मामला खतम हो जाये। तुम्ही बताओ, तनी बेसी नहीं कर रहे हो तुम?

बताओ, कोई लिमिट ना होना चाहिए जी? इंतजार का?

हम बता दे रहे हैं। अब तुम इसको धमकी समझो या गुंडई। अब हमसे और नहीं सहा जाता। तुम हर बार जाते हो तो लगता है जैसे जीवन ही रूठ गया हो हमसे। चाह के भी तुमको रोक नहीं सकते। जाने कैसे आदमी हो तुम कि तुमसे लड़ने में, या तुमको बुरा-भला सुनाने में, अपने-आप को ही खराब लगता है। सच्ची बताओ, टोना-ऊना सीखे हो क्या कहीं से?

हमको पुराने जमाने की कहानी के राजा जैसा फील होता है। जिसका प्राण दूर किसी पिंजरा में बंद सुग्गा में कैद रहता था। काहे रे मोर सुगवा, लाजो नईखे लागत हमरा ई हाल कर के?

हमको बहुत दिन से सच्चे लग रहा था कि हम राफत कि मूरत बनते जा रहे हैं। तुम कहते हो ठहरो, तो चुप-चाप ठहर जाते हैं। तुम कहते हो चलो, तो तुम्हारी दुल्हनिया लेखा पीछे-पीछे चल देते हैं। तुम कहते हो बात करो, तो खुसी के मारे बौरा-बौरा के बक-बक करते हैं। तुम कहते हो बात नहीं कर सकते, तो आँख बिछाकर खाली तुम्हारा राह ताकते रहते हैं। सुबह से साम तुम्ही में लिपटे रहते हैं। बरदास्त से फाजुल हो जाता है तो सुबक सुबक के रो लेते हैं। बाकी तुमसे चूँ तक नहीं करते हैं।

हम जानते हैं, कि तुम जानते हो, कि हम तुमपे कितना मरते हैं। इसलिए तुमसे मुंह फुला के नहीं बैठ सकते।

बाकी तुम हमको कम मत समझो। बूझे ना?

किसी दिन हम भी पिक्चर कि हीरोइन जैसा नाराज हो जाएंगे। फिर तुम बाप-बाप करते हुए आना। दस गो कपड़ा-लत्ता ले के मनाने कि कोसिस करना। जलेबियो लाना। सर पाओं का ज़ोर लगा देना बाकी हम टस-से-मस नहीं होंगे। तुम्हारा सब दुष्टई का बदला एक्के बेर ले लेंगे। कह दे रहे हैं, एकदम रुला देंगे। जितना आंसूं हम घोंटे हैं न...सबका चुन-चुन के बदला लेंगे। कैसे-कैसे तुम हमको तड़पाये हो...ऐसा रूठेंगे न, ऐसा रूठेंगे...कि मनाते मनाते नानी याद आ जाएगी। 

Comments

  1. लाजवाब प्रेम पत्र……एकदम पहाड़ी नदी सी बलखाती इठलाती कल कल बहती :)

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